Brijbhushan Sharan Singh: बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करन भूषण ने 3 मई को बीजेपी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भी कर दिया है। ऐसा करके बीजेपी ने पुराने मुहावरे ‘सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी’ को चरितार्थ कर दिया है। लेकिन बीजेपी के लिए यह सबकुछ इतना आसान नहीं था। सूत्रों की माने तो यह सबकुछ एक फोन कॉल की वजह से संभव हो पाया है। उस फोन कॉल की वजह से कैसरगंज सीट की पूरी बाजी ही पलट गई है।
अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बहुप्रतीक्षित कैसरगंज लोकसभा सीट (Kaisarganj Loksabha) पर लंबे समय से चल रही माथापच्ची पर अब विराम लग गया है। बीजेपी ने महिला पहलवानों के गंभीर आरोपों से घिरे मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) का टिकट काट दिया है। उनकी जगह करन भूषण सिंह को उम्मीदवार बना दिया है। करन भूषण ने 3 मई को बीजेपी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भी कर दिया है। ऐसा करके बीजेपी ने पुराने मुहावरे ‘सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी’ को चरितार्थ कर दिया है। लेकिन बीजेपी के लिए यह सबकुछ इतना आसान नहीं था। सूत्रों की मानें तो यह सबकुछ एक फोन कॉल की वजह से संभव हो पाया है। उस फोन कॉल की वजह से कैसरगंज सीट की पूरी बाजी ही पलट गई है।
दरअसल कैसरगंज सीट से लगातार चुनाव दर चुनाव जीतते चले आ रहे बृजभूषण शरण सिंह इस बार भी चुनाव लड़ने के लिए पूरी ताकत के साथ डटे हुए थे। लेकिन महिला पहलवानों में विरोध के चलते बीजेपी बृजभूषण को टिकट नहीं देना चाहती थी। इसी वजह से बीजेपी इस सीट पर उम्मीदवार नहीं घोषित कर पा रही थी। क्योंकि बृजभूषण का आसपास की कई सीटों पर प्रभाव है, उनके बगवात करने से बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता था। लेकिन नामांकन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले एकाएक ऐसा हुआ कि बृजभूषण चुनाव ना लड़ने के लिए तैयार भी हो गए, बीजेपी ने उनका टिकट भी काट दिया और नए प्रत्याशी की घोषणा भी कर दी है।
ANCHAL MALIK
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