CM Yogis action on corruption दिसंबर 2021 में सीओ विद्या किशोर को निलंबित किया गया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विद्या किशोर को डिमोट किए जाने की जानकारी ट्वीट करके दी। निलंबन के बाद विद्या किशोर को डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर रिश्वत लेने मामले में दोषी पाए गए रामपुर के तत्कालीन सीओ विद्या किशोर को पदावनत (डिमोट) कर दिया गया। दिसंबर 2021, में सीओ विद्या किशोर को निलंबित किया गया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विद्या किशोर को डिमोट किए जाने की जानकारी ट्वीट करके दी। निलंबन के बाद विद्या किशोर को डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
रामपुर में सीओ सिटी के पद पर तैनात विद्या किशोर पर एक मामले में रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा था। उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में उनके विरुद्ध शिकायत भी की गई थी। शासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ को पद से हटा दिया था और मामले की जांच के आदेश दिए थे। गोपनीय जांच में दोषी पाए गए सीओ विद्या किशोर को अब उनके मूलपद निरीक्षक पर प्रत्यावर्तित कर दिया गया। विद्या किशोर निरीक्षक के पद से पदोन्नति पाकर पुलिस उपाधीक्षक बने थे।
रामपुर में दो साल तक रहे विद्या किशोर शर्मा हमेशा चर्चा में रहे। सीओ सिटी रहते उन पर अस्पताल संचालक से लाखों की रिश्वत लेने का आरोप लगा था। बैग में नोट भरकर ले जाने का उनका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके लिए उन्हें निलंबित किया था। तब भी मुख्यमंत्री ने खुद ट्विट कर उनके निलंबित करने की जानकारी इंटरनेट मीडिया पर सार्वजनिक की थी। अब फिर मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मूल पद पर प्रत्यावर्तित कर दिया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत माडल कालोनी निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता दानिश खां ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में उठाया था। मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी।
Rihan Ali
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