भारत और चीन के बीच ताजा विवाद तब खड़ा हुआ जब हाल ही में बीजिंग ने अरुणाचल प्रदेश के 11 हिस्सों के नए नामों वाली सूची जारी कर दी। जवाब में भारत ने कहा कि अरुणाचल हमारा अभिन्न अंग है और किसी के मनगढ़ंत नाम रख देने से हकीकत नहीं बदल जाएगी।
भारत और चीन के बीच हालात अब पहले जैसे नहीं हैं। आए दिन विस्तारवादी पड़ोसी के किसी ने किसी फैसले से तनाव को हवा मिल जाती है। अब खबर है कि चीन भारत के साथ विवादित सीमा पर दो तिब्बती कस्बों को शहर का दर्जा देने की योजना बना रहा है। चीन के इस कदम से भारत के साथ उसके रिश्ते और ज्यादा तनावपूर्ण हो सकते हैं। चीन की तरफ से यह घोषणा ऐसे समय पर की गई है जब कुछ दिनों पहले ही बीजिंग ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नए नाम जारी किए थे। हाल के वर्षों में चीन की तरफ से जारी की गई यह इस तरह की तीसरी सूची थी।
तिब्बत में अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि एलएसी के पूर्वी हिस्से के पास दो कस्बों मिलिन और कुओना को शहरों का दर्जा दिया जाएगा। इसके बाद इनका प्रशासन क्षेत्रीय सरकार के अंतर्गत आ जाएगा। दोनों क्षेत्रों की आबादी 25,000 से कम है। मिलिन, जिसे मेनलिंग के नाम से भी जाना जाता है, चीन के लिए एक अहम सीमावर्ती शहर और परिवहन केंद्र है जिसका क्षेत्र भारतीय सीमा के साथ 180 किमी तक फैला हुआ है।
मिलिन रेल से क्षेत्रीय राजधानी ल्हासा से जुड़ा हुआ है और तिब्बत और झिंजियांग को जोड़ने वाले एक हाईवे के पास है। शहर का अपना एक एयरपोर्ट भी है। वहीं कुओना (Cuona), जिसे Cona या Tsona भी कहा जाता है, की दक्षिण-पश्चिम सीमा भूटान से मिलती है। इस बदलाव के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी गई है लेकिन चीन की प्रशासनिक व्यवस्था के तहत इस तरह के परिवर्तन आमतौर पर स्थानीय विकास के लिए अधिक संसाधन मुहैया कराने और स्थानीय अधिकारियों को अधिक अधिकार देने
ANCHAL MALIK
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